बड़ी संख्या में मजदूरों के पलायन को देखते हुए केंद्र ने राज्यों को एडवाइजरी जारी कर मजदूरों को जहां है वहीं सुविधाएं मुहैया कराने के लिए कहा है। इसके बावजूद दिल्ली एनसीआर से जारी जत्थों के प्रवास को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने एक हजार बसों को लगाकर सभी मजदूरों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने और इसके लिए उनके स्वास्थ की जांच सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय प्रशासन से कहा है।
दिल्ली सरकार ने भी मजदूरों को राजधानी न छोड़ने की अपील की है। हरियाणा ने सीमाओं पर फंसे लोगों के रहने और खाने का इंतजाम करने का आश्वसन दिया है। दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को तीन सप्ताह के लिए लॉकडाउन की घोषणा की थी।
लेकिन लॉकडाउन के दूसरे और तीसरे दिन ही इसकी वजह है देश के कई हिस्सों में लाखों मजदूर बिना भोजन पानी के सड़कों पर अपने गांव वापस जाने के लिए पैदल निकल पड़े। जिसके चलते सरकार पर आरोप लगे की सरकार भेदभाव कर रही है। यह वजह है कि सरकार ने नई एडवाइजरी जारी की है।
दिल्ली सरकार ने भी मजदूरों को राजधानी न छोड़ने की अपील की है। हरियाणा ने सीमाओं पर फंसे लोगों के रहने और खाने का इंतजाम करने का आश्वसन दिया है। दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को तीन सप्ताह के लिए लॉकडाउन की घोषणा की थी।
लेकिन लॉकडाउन के दूसरे और तीसरे दिन ही इसकी वजह है देश के कई हिस्सों में लाखों मजदूर बिना भोजन पानी के सड़कों पर अपने गांव वापस जाने के लिए पैदल निकल पड़े। जिसके चलते सरकार पर आरोप लगे की सरकार भेदभाव कर रही है। यह वजह है कि सरकार ने नई एडवाइजरी जारी की है।
गृह मंत्रालय ने बदले नियम
इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य आपदा राहत कोष (एसडीआरएफ) के तहत दी जाने वाली सहायता के नियमों में शनिवार को बदलाव किया। इसके तहत 21 दिन के लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों के लिए भोजन और ठहरने की अस्थायी व्यवस्था के लिए इस कोष से पैसा दिया जाएगा।
मंत्रालय ने सभी मुख्य सचिवों को भेजे पत्र में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से घोषित बंद के दौरान प्रवासी मजदूरों को चिकित्सा सेवा एवं कपड़े भी उपलब्ध कराए जा सकते हैं। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक एसडीआरएफ के नए नियमों के तहत अस्थायी आवास, भोजन, कपड़े, चिकित्सीय देखभाल आदि का प्रावधान बंद के चलते फंसे प्रवासी मजदूर समेत बेघर लोगों तथा राहत शिविरों या अन्य स्थानों पर रह रहे लोगों पर लागू होगा।
ऐसी खबरें सामने आई हैं कि देश के विभिन्न हिस्सों से बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर अपना कार्य स्थल छोड़ कर सैकड़ों किलोमीटर पैदल चल कर अपने पैृतक स्थानों पर लौट रहे हैं और रास्ते में मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। राष्ट्रव्यापी बंद की घोषणा के बाद सामान्य यातायात सेवाएं बंद हो जाने के कारण प्रवासी मजदूरों के पास पैदल चलकर घर पहुंचने का ही विकल्प बचा है।
मंत्रालय ने सभी मुख्य सचिवों को भेजे पत्र में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से घोषित बंद के दौरान प्रवासी मजदूरों को चिकित्सा सेवा एवं कपड़े भी उपलब्ध कराए जा सकते हैं। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक एसडीआरएफ के नए नियमों के तहत अस्थायी आवास, भोजन, कपड़े, चिकित्सीय देखभाल आदि का प्रावधान बंद के चलते फंसे प्रवासी मजदूर समेत बेघर लोगों तथा राहत शिविरों या अन्य स्थानों पर रह रहे लोगों पर लागू होगा।
ऐसी खबरें सामने आई हैं कि देश के विभिन्न हिस्सों से बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर अपना कार्य स्थल छोड़ कर सैकड़ों किलोमीटर पैदल चल कर अपने पैृतक स्थानों पर लौट रहे हैं और रास्ते में मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। राष्ट्रव्यापी बंद की घोषणा के बाद सामान्य यातायात सेवाएं बंद हो जाने के कारण प्रवासी मजदूरों के पास पैदल चलकर घर पहुंचने का ही विकल्प बचा है।